4 STROKE OF ENGINE क्या होते है 4 स्ट्रोक इंजन कैसे काम करता है

आजकल के समय मे पेट्रोल,डीजल से चलने वाली अधिकतर कारों, ट्रकों, मोटरसाइकिलों में फोर स्ट्रोक इंजन होता है। फोर स्ट्रोक इंजन किस प्रकार से काम करता है ? कैसे ये फ्यूल को पावर में बदल देता है ? किस प्रकार से चीजे इसके अंदर काम करती है ? इन सब बातो को समझने से पहले इंजन के महत्वपूर्ण पार्ट्स जैसे पिस्टन,सिलिंडर,क्रैंकशाफ्ट ,टी डी सी ,बी डी सी आदि को समझना जरुरी है। इन सभ चीजों को समझने के लिए नीचे दिए चित्र जिसमे सरल तरीके से इंजन के काम करने के तरीको और उसके अंदर को अलग चीजों को बताया गया है। इंजन की काम करने की तरीको को समझने के लिए इसके विभिन्न पार्ट्स को जानना बहुत जरुरी है बिना इन्हे समझे आप इंजन की वर्किंग को नहीं समझ सकते क्योंकि इन सब पार्ट को मिला कर ही इंजन बन पाता है।

वाल्व :इंजन के सिलिंडर के अंदर ईंधन और हवा आवाजाही के लिए वाल्व का उपयोग होता है।

पिस्टन :यह इंजन के सिलिंडर के अंदर छोटा सिलिंडर होता है जो हवा और ईंधन के खिलाफ ऊपर नीचे करता रहता है। इसका मूल कार्य पावर को कनेक्क्टिंग रोड ले जाना होता है।

कनेक्क्टिंग रोड:यह पिस्टन को क्रैन्कशाफ्ट से जोड़ती है

स्पार्क प्लग : इसका उपयोग इंजन के अंदर चिंगारी देने के लिए किया जाता है।

सरल भाषा  में समझा जाये तो  इंजन का मुख्य कार्य केमिकल एनर्जी को यांत्रिक एनर्जी में परिवर्तित करना है। पेट्रोल ,डीजल या सीएनजी जैसे ईंधन केमिकल एनर्जी  उपलभ्ध कराते  है। जब पिस्टन सिलिंडर के अंदर एक किनारे से दूसरे किनारे तक जाता है उसे एक स्ट्रोक कहा जाता है। इंजन चार चरण या स्ट्रोक मैं ईंधन से यांत्रिक एनर्जी उपलभ्ध करता है। इनका नाम क्रमशः इनटेक स्ट्रोक ,कम्प्रेशन स्ट्रोक , कंबस्शन स्ट्रोक एवं एग्जॉस्ट स्ट्रोक हैं। इन सब स्ट्रोक या चरणों को पूरे होने में क्रैंकशाफ्ट  को दो चक्कर पूरे करने पड़ते है। टी डी सी और बी डी सी पिस्टन के द्वारा सिलिंडर  के आखिरी बिंदु होते है जिनके बीच में  पिस्टन ऊपर नीचे ट्रेवल करता है। इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व के द्वारा ईंधन और एग्जॉस्ट गैसेस को इंजन में भरा और बाहर निकाला जाता है।

   

इनलेट स्ट्रोक 

इनलेट स्ट्रोक के दौरान पिस्टन सिलिंडर के अंदर टी डी सी से बी डी सी तक जाता है जिससे सिलिंडर के अंदर नेगेटिव प्रेशर या वैक्यूम बन जाता है। इनलेट वाल्व को ओपन किया जाता है जिससे हवा और ईंधन का मिश्रण सिलिंडर मै अंदर  आ जाता है। 

कम्प्रेशन  स्ट्रोक  

बी डी सी से पिस्टन टी डी सी तक जाता है। इस दौरान इनलेट वाल्व और एग्जॉस्ट वाल्व दोनो बंद रहते है। इसके दौरान ईंधन के मिक्चर को कंप्रेस किया जाता है जिससे इसका वॉल्यूम कम हो जाता है जिससे वह अगले कंबनस्श स्ट्रोक के लिए तैयार हो जाता है। पेट्रोल मे यह 8 :1 से 9:1 और डीजल में यह 14:1 – 22:1 के स्तर पर होता है। 

कंम्बशन स्ट्रोक 

इसको पावर और इग्निशन स्ट्रोक भी कहा जाता है। जब पिस्टन टी डी सी पर होता है। कंप्रेस हुई ईंधन और गैस को स्पार्क प्लग के मदद द्वारा जलाया जाता है और डीजल इंजन मै इंजेक्टर के द्वारा डीजल को उच्च प्रेशर पर जलाया जाता है। ईंधन और हवा के मिक्सचर में दहन होता है। यह उत्पन प्रेशर पिस्टन के फेस पर दबाव बनाता है उसके कारण पिस्टन बी डी सी तक आ जाता है। इस स्ट्रोक से यांत्रिक ऊर्जा इंजन से क्रैंकशाफ्ट में  चली जाती है। 

एग्जॉस्ट स्ट्रोक 

चौथा और अंतिम स्ट्रोक कंबस्शन के दौरान पैदा हुई बेकार गैसों को बाहर भेजता है। एक बार फिर से पिस्टन बी डी सी से टी डी सी तक जाता है। इस दौरान एग्जॉस्ट वाल्व खुला रहता है। इस प्रकिया से सिलिंडर के अंदर के उपयोग हुए हवा और ईंधन के मिक्सचर को एग्जॉस्ट पोर्ट से बाहर निकाला  जाता है। इसमें इनलत वाल्व बंद रहता है।